दिनांक: Jul 16, 2014
जगह: जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह (हि० प्र०)
न लम्हे कभी थमे, और न कभी तुम,
तुम साथ थे मेरे,
तब से जब में दुनिया में शायद था भी नहीं…
दुनिया में आने सा पहले ही,
तुमने मुझे सेकड़ो दुआओं से भर दिया,
पहली बार आँख खुली तो तुम्हे ही सामने पाया,
पहली बार जब ऑंखें भरी,
तो तुम्हे ही साथ पाया तुम हर जगह थे,
हर तरह से थे, तुम आज भी हर जगह हो
हर तरफ हो लेकिन हम देख ही नहीं पाते,
सब कहते हैं,
सब हमेशा की तरह तुम्हे बाँट देते हैं,
लेकिन मैंने
कभी तुम्हे माँ के आँचल में पाया,
तो कभी दोस्तों के साथ मटरगस्ती करते,
तुमहर जगह थे,
एक तरह से बसमैं अपना नजरिया बदल देता था,
क्यूंकि यहीं दुनिया का नजरिया था…
लेकिनआज जब मुझे अपना नजरिया मिला…
जब मैं इस काबिल बना की तुम्हे समझ पाऊँ,
मैंजान गया,
क्या फर्क पड़ता है कि माँ साथ नहीं है,
क्या फर्क पड़ता है कि जिन्हे प्यार किया वो साथ नहीं हैं,
क्यूंकि उनका प्यार, तुम हमेशा मेरेअन्दर तो हो, और इस प्यार को ख़ुशी से, लोगो से बांटने से अमर बनाया जा सकता है….
जो जा रहा है, जो जा चूका है…
उसे मैंने जाने दिया…
लेकिन…उन सभी क्याप्यार…
मेरे साथ है…
और मैं इसे उनसभी में जिन्दा रखनेवाला हूँ…
हूँजो मेरे साथ है….
जो मेरे पास है
दुनिया मैं लाखो करोडो लोग है…
इससे भी कहीं ज्यादा हैं…
तो बाँट दूंगा सभी में तुम्हे…
ताकिहर दुसरे में मैं तुम्हे देख सकूँ
मैंतुम्हे हमेशा अपने साथ रखसकूँ,
क्यूंकि मेरे दोस्त मैं जानता हूँ कि तुम शरीरों को नहीं बंधाते…
तुम हमारी आत्माओं से…हमारी भावनाओं से,
हमेंएक बनाते हो तो
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आज वो साथहो न हो…
इससे कोई फर्क नै पड़ता अगर वो पास होया न हो,,
क्यूंकि कहीं न कहीं…
तुम उन्हें मेरे पास हीरखते हो…
हम उन्हें तलाश रहे हैं
एक अस्थायी शरीर में जो असल में वो हैंही नहीं
“तुम दूर हो या पास, तुम हमेशा मुझे सुन सकते हो,
मैं तुम्हे सुन सकता हूँ, क्यूंकि हम अलग नहींहैं, हम एक साथ जुड़े हुए हैं,
मैं तुम्हे याद जरुर करता हूँ,
लेकिन तुम्हारी याद को ख़ुशी में बदल कर,उस ख़ुशी को सभी में बाँट कर मैं तुम्हे
फिरसे साथ पाता हूँ,
ये प्यार है जो कभी बदलता नहीं,
ये हर जगह मोजूद है हर स्थिति में
लेकिन हम ही इसे नहींदेख पाते,
चाहे अपनी माँ से करूं, अपने दोस्तों से करूं
या फिर किसी औरसे ,
कोई फर्क नहीं पड़ता…
ये हमेशा एक ही होगा, हम अपने नज़रिए से उसे अलग नामदे देंगे,…
क्यूंकि इंसान की आदत है
हर चीज़ को बंटाना ………………..
.
Suri says
???
Mayan Guleria says
Nice